घरेलू उपयोग के लिये : बॉक्स प्रकार का सौर या सोलर कुकर
सौर या सोलर कुकर
सोलर कुकर वह उपकरण है जो खाना पकाने के लिये सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है।
लाभ
>> रसोई गैस, मिट्टी तेल, विद्युत ऊर्जा, कोयले अथवा लकड़ी की कोई आवश्यकता नहीं होती।
>> ईन्धन पर कोई खर्चा करने की आवश्यकता नही है। सौर ऊर्जा मुफ्त उपलब्ध होती है।
>> सोलर कुकर में पका हुआ खाना पोषक होता है। इसमें पारंपरिक खाना पकाने के साधनों की तुलना में प्रोटीन की मात्रा 20 से 30 प्रतिशत अधिक होती है। इसकी विटामिन को भोजन में बनाये रखने की क्षमता 20 से 30 प्रतिशत होती है जबकि विटामिन ए 5 से 10 प्रतिशत तक अधिक रहता है।
>> सोलर रसोई प्रदूषण मुक्त व सुरक्षित होती है।
>> सोलर कुकर अनेकानेक आकारों में उपलब्ध है। घर में सदस्यों की संख्या के आधार पर सोलर कुकर का चयन किया जाता है।
>> समस्त रसोई के प्रकार जैसे उबालना, सेंकना आदि इस कुकर पर किये जा सकते हैं।
हानि
पकाने के लिये सही मात्रा में सूर्य का प्रकाश होना आवश्यक है।
पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के मुकाबले रसोई पकने में अधिक समय लगता है।
घरेलू उपयोग के लिये : बॉक्स प्रकार का सौर या सोलर कुकर
ये एक गरम बक्से के समान होता है जिसमें भोजन पकता है। ये घरेलू उपयोग के लिये सबसे सामान्य मॉडल है।
सोलर कुकर के महत्वपूर्ण भाग
बाहरी बक्सा : सोलर कुकर का बाहरी बक्सा सामान्यत: जी आई¸ एल्युमिनियम अथवा फायबर मिले प्लास्टिक से बना होता है।
आंतरिक पकाने का बक्सा अथवा ट्रे : ये एल्युमिनियम शीट से बना होता है। आंतरिक कुकिंग बक्सा¸ बाहरी कुकिंग बक्से से थोड़ा छोटा होता है। इसपर काले रंग का पेन्ट किया होता है जिससे ये सूर्य की ऊष्मा को सही तरीके से अवशोषित कर सके और उसे पकाने के बर्तनों तक पहुंचा सके।
डबल ग्लास ढक्कन:अंदर के बक्से के ट्रे को ढकने के लिए ग्लास का एक ढक्कन होता है। ये ढक्कन आंतरिक बक्से से थोड़ा बड़ा होता है। दोनो कांच की शीट को एल्युमिनियम फ्रेम में 2 सेन्टीमीटर की दूरी से टाइट किया गया होता है। इस स्थान में हवा होती है जो अन्दर की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकती है। इस फ्रेम पर रबर की पट्टी चिपकाई जाती है जिससे किसी प्रकार का ऊष्मा का रिसाव न हो सके।
ऊष्मीय इन्स्युलेटर: बाहरी बक्से व आंतरिक ट्रे के मध्य का स्थान जिसमें ट्रे का तल भी शामिल होता है¸ उसे इन्स्युलेटेड सामान से भरा जाता है, जैसे- ग्लास वूल पैड्स¸ जिससे आंतरिक ऊष्मा के रिसाव को कम किया जा सके। ये इन्स्युलेटेड सामग्री¸ भाप में उड़ जाने वाले पदार्थों से मुक्त होनी चाहिये।
कांच: कांच का उपयोग सोलर कुकर में विकिरण को बढ़ावा देने के लिये किया जाता है जिससे कांच के द्वारा सूर्य के प्रकाश को सही तरीके से अवशोषित किया जा सकता है। जो सूर्य प्रकाश इस कांच पर पड़ता है¸ वह इन्स्युलेटेड सामग्री के द्वारा होते हुए अन्दर कुकर तक पहुंचता है। ये विकिरण¸ सीधे आंतरिक तापमान को बढ़ाते हैं व कुकर को जल्दी गर्म होने में मदद मिलती है।
बर्तन : खाना पकाने के बर्तन¸ इनमें ढक्कन भी शामिल है¸ एल्युमिनियम अथवा स्टेनलेस स्टील के बने होते है। इन बर्तनों पर भी काला रंग लगाया होता है जिससे ये भी सूर्य के प्रकाश को सीधे सोख सकें।
हम सोलर कुकर के उपयोग से भोजन कैसे बना सकते है?
>> सोलर कुकर को किसी भी छाया से परे¸ खुले स्थान में सूर्य प्रकाश में रखें। भोजन के बर्तन इसमें रखने से पहले इसे कम से कम 45 मिनट तक सूर्य प्रकाश में रखें। इस तरीके से कुकर भोजन पकाने की क्रिया के लिये तैयार हो जाता है और पकाने में कम समय लगता है।
>> कुकर को इस तरीके से रखें कि परावर्तक दर्पण सूर्य प्रकाश के समक्ष रहे और परावर्तित सूर्य किरण पारदर्शक कांच के ढक्कन पर पड़े। इस स्थिति में दर्पण को कस दें।
>> सोलर कुकर के कांच के ढक्कन को खोलें¸ अब भोजन पकाने के बर्तन को अन्दर रखकर ढक्कन को सही तरीके से बंद कर दें। एक बार बर्तन अन्दर रख दिये जाने के बाद ढक्कन नहीं खोला जाना चाहिये।
>> जब भोजन पक जाए तभी ढक्कन खोलिये। पके हुए भोजन को बाहर निकालने के लिये कपड़े से पकड़िये क्योंकि ये काफी गर्म होते हैं।
इसकी लागत 2,500 से 4,000 तक होती है। ये आकार व मॉडल पर भी निर्भर करती है।
Contact:
Rudra Solar Energy
sales@rudrasolarenergy.com
www.rudrasolarenergy.com
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ReplyDeleteSolar structures in India
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